पंख जो होते मैं उड़ जाती नन्द बाबा के द्वार भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










पंख जो होते मैं उड़ जाती
नन्द बाबा के द्वार
उमड़ उमड़ मेरो जिया आवे
बहे दूध की धार
लाल मेरो रोवत होयगो
के भूखो सोवत होयगो।।
तर्ज स्वर्ग से सुन्दर सपनो से।


मेरे पति छबड़ा में धर के
जब से गोकुल पहुंचाए
मेरे कुंवर गए जा दिन से
मैंने दर्शन तक ना पाए
जाने कैसे राखत होएगी
वा रो राजकुमार
लाल मेरो रोवत होयगो
के भूखो सोवत होयगो।।


कन्या ले के यशोदा की
मेरी गोदी में ला डारी
वा कंस दुष्ट ने आ के
वो पत्थर पे दे मारी
सुनी गोद ये मेरी हो गई
रह गई मैं मन मार
लाल मेरो रोवत होयगो
के भूखो सोवत होयगो।।









ये कंस है गयो बैरी
मेरे सात पुत्र मरवाए
लयो बदलो कौन जनम को
हम जेलन में दुःख पाएं
हाथ हथकड़ी पाँवन बेड़ी
है जेल के बंद किवाड़
लाल मेरो रोवत होयगो
के भूखो सोवत होयगो।।


मैं कैसे पतों लगाऊं
कोई ना है पास हमारे
कोई बता दे आके
लग रहे जेल के ताले
फाटक बंद जेल के हो रहे
ठाड़े पहरेदार
लाल मेरो रोवत होयगो
के भूखो सोवत होयगो।।


पंख जो होते मैं उड़ जाती
नन्द बाबा के द्वार
उमड़ उमड़ मेरो जिया आवे
बहे दूध की धार
लाल मेरो रोवत होयगो
के भूखो सोवत होयगो।।












pankh jo hote main ud jati nand baba ke dwar lyrics