पाणी रे माही मीन पियासी देखता आवे रे माने हांसी रे - MadhurBhajans मधुर भजन










पाणी रे माही मीन पियासी रे
देखता आवे रे माने हांसी रे।।


गुरु बिन ज्ञान समझ बिन चेला रे
दोनु तो फिरे रे उदासी रे
पानी रे माही मीन पियासी रे
देखता आवे रे माने हांसी रे।।


आत्म ज्ञान बिनारे नर अंधा रे
गंगाजी जावो रे चाहे काशी रे
पानी रे माही मीन पियासी रे
देखता आवे रे माने हांसी रे।।


मिरगा री नाभ बसे कस्तूरी रे
फिर फिर सुंगत घासी रे
पानी रे माही मीन पियासी रे
देखता आवे रे माने हांसी रे।।









जल बीच केवल जवळ बीच कलिया
कलिया में भंवर लुभासी रे
पानी रे माही मीन पियासी रे
देखता आवे रे माने हांसी रे।।


कहत कबीर सुणो रे भाई साधो रे
गुरु मिल्या कटे फांसी रे
पानी रे माही मीन पियासी रे
देखता आवे रे माने हांसी रे।।


पाणी रे माही मीन पियासी रे
देखता आवे रे माने हांसी रे।।
गायक प्रेषक श्यामनिवास जी।
9983121148










pani re mahi meen pyasi dekhat aave mhane hasi re lyrics