पकड़ ले पाँव तू कस के हाथ वो खुद ही पकड़ेगा लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
पकड़ ले पाँव तू कस के
हाथ वो खुद ही पकड़ेगा
झुका ले सर को तू अपने
ह्रदय से खुद वो लिपटेगा।।
तर्ज जहाँ बनती है तकदीरें।
ये दर वो दर नहीं है जो
सिफारिशों से चलता है
यहाँ पे काम तो प्यारे
सत्य के दम पे बनता है
सुना ले बस भजन दिल से
सुना ले बस भजन दिल से
दर्द वो खुद समझ लेगा
पकड़ ले पांव तू कस के
हाथ वो खुद ही पकड़ेगा
झुका ले सर को तू अपने
ह्रदय से खुद वो लिपटेगा।।
बांटने की तमन्ना रख
लुटाने खुद वो बैठा है
पकड़ ले हाथ निर्बल का
जिताने खुद वो बैठा है
ना तू घबरा रुकावट से
ना तू घबरा रुकावट से
वो खुद ही सब निपट लेगा
पकड़ ले पांव तू कस के
हाथ वो खुद ही पकड़ेगा
झुका ले सर को तू अपने
ह्रदय से खुद वो लिपटेगा।।
खामियों को ही रटने की
पुरानी आदत है जग की
खूबियों को परखने की
खासियत है तेरे दर की
शुभमरूपम हार को भी
शुभमरूपम हार को भी
जीत में वो बदल देगा
पकड़ ले पांव तू कस के
हाथ वो खुद ही पकड़ेगा
झुका ले सर को तू अपने
ह्रदय से खुद वो लिपटेगा।।
पकड़ ले पाँव तू कस के
हाथ वो खुद ही पकड़ेगा
झुका ले सर को तू अपने
ह्रदय से खुद वो लिपटेगा।।
स्वर शुभम रूपम।
pakad le paav tu kaske hath vo khud hi pakdega lyrics