पहली बारी में उसकी फिर होती सुनवाई है लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










पहली बारी में उसकी
फिर होती सुनवाई है
खाटू में जाकर जिसने
दर पे अर्ज़ी लगाईं है
पहली बारी मे उसकी
फिर होती सुनवाई है।।
तर्ज दिल दीवाने का।


सांवरिया मुरली वाला
ये सब के काम बनाता
कोई भाव से इसको पुकारे
ये पल में दौड़ा आता
खाटू की मिट्टी जिसने
मस्तक पे लगाईं है
पहली बारी मे उसकी
फिर होती सुनवाई है।।


ये तीन बाण का धारी
भक्तों के मन को भाये
लाखों नर नारी तेरे
दर आकर शीश झुकाएं
खाली ना कोई जाता
दर से खुशियां पाई है
पहली बारी मे उसकी
फिर होती सुनवाई है।।









ये पांडव कुल अवतारी
दुनिया में सबसे न्यारा
जो हार के दर पर आया
बनता है उसका सहारा
तेरे दीपक की ज्योति
इस कलयुग में छाई है
पहली बारी मे उसकी
फिर होती सुनवाई है।।


पहली बारी में उसकी
फिर होती सुनवाई है
खाटू में जाकर जिसने
दर पे अर्ज़ी लगाईं है
पहली बारी मे उसकी
फिर होती सुनवाई है।।













pahali bari me uski fir hoti sunvai hai lyrics