ओमाओ ऐसो लाग रयो अजीब दीवानों देश में म्हारी हेली - MadhurBhajans मधुर भजन










सैंस किलतारा हेली गले गया
गल गया है दश अवतार
एक नही छोड़यो इस
कूंट में म्हारी हेली
चुग लिया लारो लार
ओमाओ ऐसो लाग रयो
अजीब दीवानों देश
अजीब दीवानों देश में म्हारी हेली
नही काल को लैस।।


नव लख तारा हेली झड़ पड़या
झड़ पड़या चंदा शूर
सत सुकरत वाले देश में म्हारी हेली
नित नित नवला नूर
ओमाओ एसो लाग रयो
अजीब दीवानों देश
अजीब दीवानों देश में म्हारी हेली
नही काल को लैस।।


इस भोण को हेली नही मानू
नही मानू इसकी कोण
सतगुरू जी के देश में म्हारी हेली
खड़ा असंखी भोण
ओमाओ एसो लाग रयो
अजीब दीवानों देश
अजीब दीवानों देश में म्हारी हेली
नही काल को लैस।।


आया परवाना अमर लोक रा
हंस अमर घर जाय
जब निरंजन जूझ रया म्हारी हेली
धरया शिखर पर पाव
ओमाओ एसो लाग रयो
अजीब दीवानों देश
अजीब दीवानों देश में म्हारी हेली
नही काल को लैस।।









औऊं सौऊं को हेली ना मानू
नहीं कोई रागा राम
कहे कबीर धर्मी दास ने म्हारी हेली
हालो अमरापुर के धाम
ओमाओ एसो लाग रयो
अजीब दीवानों देश
अजीब दीवानों देश में म्हारी हेली
नही काल को लैस।।


सैंस किलतारा हेली गले गया
गल गया है दश अवतार
एक नही छोड़यो इस
कूंट में म्हारी हेली
चुग लिया लारो लार
ओमाओ ऐसो लाग रयो
अजीब दीवानों देश
अजीब दीवानों देश में म्हारी हेली
नही काल को लैस।।


8302031687










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