ओ शंकर भोले जपती मैं तुमको हरदम भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
ओ शंकर भोले
जपती मैं तुमको हरदम
दें दो सुन्दर कोई जतन
जिससे फिर मिल जायें हम
ओ शंकर भोलें।।
तर्ज ओ बाबुल प्यारे।
त्रेता युग में भूल हुई थी
जाँचा था रामजी को
त्रेता युग में भूल हुई थी
जाँचा था रामजी को
रूप सीता का लिया
त्यागे मुझको ही शिवा
ऐसे बीता मेरा वो जनम
ओ शंकर भोलें।।
दक्ष पिता जब बने घमंडी
भूले सती अरु शिव को
दक्ष पिता जब बने घमंडी
भूले सती अरु शिव को
जब मैं वेदी को चली
सबमें आयी खलबली
जला अग्नी में मेरा बदन
ओ शंकर भोलें।।
पारवती के रूप में जन्मी
आऊँगी तेरे ही आँगन
पारवती के रूप में जन्मी
आऊँगी तेरे ही आँगन
तेरी पूजा मैं करूँ
काम दूजा न करूँ
तुझपे वारूंगी अपना ये तन
ओ शंकर भोलें।।
शिवरात्रि के शुभ अवसर पर
आये शंभु बराती
शिवरात्रि के शुभ अवसर पर
आये शंभु बराती
ताने लोगों से मिले
वर जोगी से मिले
सारे संसार के भगवन हो
ओ शंकर भोलें।।
ओ शंकर भोले
जपती मैं तुमको हरदम
दें दो सुन्दर कोई जतन
जिससे फिर मिल जायें हम
ओ शंकर भोलें।।
स्वर शिवा त्रिपाठी एवम जान्हवी विश्वकर्मा।
गीतकार उदयभान त्रिपाठी।
संगीत संयोजन अजय विश्वकर्मा।
वीडियो क्रिएशन चित्रकूट म्यूजिक प्रोडक्शन।
o shankar bhole japti main tumko hardam lyrics