ओ कान्हा आ रे तू आजा मोहन गिरधारी लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










ओ कान्हा आ रे
तू आजा मोहन गिरधारी
की तरसे गुजरिया सारी
पुकारे राधा बेचारी
ओ कान्हा आ रें।।



तर्ज ओ बाबुल प्यारे।


सुना पड़ा है मधुबन सारा
तेरे बिना ओ कन्हाई
ओ कान्हा रे
सुना पड़ा है मधुबन सारा
तेरे बिना ओ कन्हाई
आजा सुना जमना तट
तुझ बिन सुना है पनघट
सुना सुना गुजरियों का मन
ओ कान्हा आ रें।।


यमुना किनारे गुजरियों के
कपडों को कौन चुराए
ओ कान्हा रे
यमुना किनारे गुजरियों के
कपडों को कौन चुराए
सुनी ग्वालों की टोली
सुने तेरे हमजोली
सुने सुने है सबके नयन
ओ कान्हा आ रें।।


अपना बना के क्यों बिसराया
ओ निर्मोही बता जा
ओ कान्हा रे
अपना बना के क्यों बिसराया
ओ निर्मोही बता जा
आजा माखन खा ले रे
हमको लाख सता ले रे


हर्ष सबकुछ करेंगे सहन
ओ कान्हा आ रें।।









ओ कान्हा आ रे
तू आजा मोहन गिरधारी
की तरसे गुजरिया सारी
पुकारे राधा बेचारी
ओ कान्हा आ रें।।












o kanha aa re tu aaja mohan girdhari lyrics