ओ जग झूठो रे संसार जाणो सांवरिया रे घरबार लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
ओ जग झूठो रे संसार
जाणो सांवरिया रे घरबार
अठे हां दो दिन का मेहमान
किणरो करा अठे अभिमान।।
भजलो सांवरिया रो नाम
आखिर आसी थारे काम
थारो धरयो रेवे धन माल
थारे रती संग नहीं जाय
ओ जग झूठों रे संसार
जाणो सांवरिया रे घरबार।।
मिठो बोल जगत रे माय
थारी बातां तो रह जाय
क्यों थारो विरथा जन्म गमाय
इण रे ओछी उम्र रे माय
ओ जग झूठों रे संसार
जाणो सांवरिया रे घरबार।।
मत कर धन माया रो अभिमान
आ तो बादलियारी छांव
बंदे अंत समय पछताय
थारे कछु हाथ नहीं आय
ओ जग झूठों रे संसार
जाणो सांवरिया रे घरबार।।
एक दिन भेजे बुलावो राम
आपां छोड़ जावा संसार
जोगाराम जीव समझाय
माटी माटी में मिल जाए
ओ जग झूठों रे संसार
जाणो सांवरिया रे घरबार।।
ओ जग झूठो रे संसार
जाणो सांवरिया रे घरबार
अठे हां दो दिन का मेहमान
किणरो करा अठे अभिमान।।
गायक जोगाराम प्रजापत।
हाथीतला बाङमेर 9587984999
o jag jhutho re sansar jaano sawariya re ghar baar lyrics