निर्भय होय हरि रा गुण गाया देसी भजन - MadhurBhajans मधुर भजन
मोह पण काचा
म्हारा सतगुरु जी साचा
भई कृपा जद
संतो में लिया वासा
निर्भय होय हरि रा गुण गाया
ज्यारी बेल आलमराजा आया
जद म्हारी बेल निकलंक धणी आया।।
अनेक संतो रे मैं तो
शरणो में आया
गुरु जी आगे
शीश नमाया
निर्भय होय हरी रा गुण गाया
ज्यारी बेल आलमराजा आया
जद म्हारी बेल निकलंक धणी आया।।
प्रेम रा प्याला म्हाने
सतगुरु जी पाया
जन्म मरण का
बंधन छोड़ाया
निर्भय होय हरी रा गुण गाया
ज्यारी बेल आलमराजा आया
जद म्हारी बेल निकलंक धणी आया।।
धाया जके
अमरफल पाया
ध्रुव अवसल ने
अखी ठहराया
निर्भय होय हरी रा गुण गाया
ज्यारी बेल आलमराजा आया
जद म्हारी बेल निकलंक धणी आया।।
दयानाथ गुरु जी
पूरा पाया
बोल्या प्राग स्वामी
शरणो में आया
निर्भय होय हरी रा गुण गाया
ज्यारी बेल आलमराजा आया
जद म्हारी बेल निकलंक धणी आया।।
मोह पण काचा
म्हारा सतगुरु जी साचा
भई कृपा जद
संतो में लिया वासा
निर्भय होय हरि रा गुण गाया
ज्यारी बेल आलमराजा आया
जद म्हारी बेल निकलंक धणी आया।।
8302031687
nirbhay hoy hari ra gun gaya lyrics