निराले शम्भु को बिगड़ी बना देना भी आता है लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
निराले शम्भु को बिगड़ी
बना देना भी आता है।
श्लोक गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु
गुरुर देवो महेश्वरः
गुरुर साक्षात परम ब्रह्म
तस्मै श्री गुरुवे नमः।
त्वमेव माता च पिता त्वमेव
त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव
त्वमेव विद्या द्रविणम् त्वमेव
त्वमेव सर्वम् मम देव देव।
करपूर गौरम करूणावतारम
संसार सारम भुजगेन्द्र हारम
सदा वसंतम हृदयारविंदे
भवम भवानी सहितं नमामि।।
निराले शम्भु को बिगड़ी
बना देना भी आता है
पड़ी मजधार में नैया
खिवा देना भी आता है
निरालें शम्भु को बिगड़ी
बना देना भी आता है।।
रहे वो मस्त भंगिया में
गले सर्पो की माला है
गले सर्पो की माला है
उन्हें खोई हुई किस्मत
जगा देना भी आता है
निरालें शम्भु को बिगड़ी
बना देना भी आता है।।
विराजे आप पर्वत पर
अनेको गढ़ है भोले के
अनेको गढ़ है सेवा में
उन्ही में रहते भोले को
सुनो आनंद आता है
निरालें शम्भु को बिगड़ी
बना देना भी आता है।।
सुना शिव भक्तो के दाता
नए नित खेल करते है
नए नित खेल करते है
दिया वरदान भस्मा को
जला देना भी आता है
निरालें शम्भु को बिगड़ी
बना देना भी आता है।।
तुम्हारे भक्तो ने भोले
तुम्हे हरदम पुकारा है
तुम्हे हरदम पुकारा है
ख़ुशी से दिनेश तेरे को
मनाने आज आता है
निरालें शम्भु को बिगड़ी
बना देना भी आता है।।
निराले शम्भु को बिगड़ी
बना देना भी आता है
पड़ी मजधार में नैया
खिवा देना भी आता है
निरालें शम्भु को बिगड़ी
बना देना भी आता है।।
स्वर दिनेश चन्द्र जी शाश्त्री।
nirale shambhu ko bigdi bana dena bhi aata hai lyrics