निंद्रा बेच दूँ कोई ले तो देसी भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
निंद्रा बेच दूँ कोई ले तो
दोहा सुता सुता कांई करो
सुता आवे नींद।
काल सिराणे आय खड़ो
ज्यू तोरण आयो बींद।।
नींद निशानी मौत की
ऊठ कबीरा जाग।
और रसायण छोड़ के
एक राम रसायण लाग।।
निंद्रा बेच दूँ कोई ले तो
रामो राम रटे तो तेरो
माया जाल कटेगो
निंद्रा बेच दूं कोई ले तो।।
भाव राख सत्संग में जाओ
चित में राखो चेतो
हाथ जोड़ चरणों में लिपटू
जे कोई सन्त मिले तो
निंद्रा बेच दूं कोई ले तो।
रामो राम रटे तो तेरो
माया जाल कटेगो
निंद्रा बेच दूं कोई ले तो।।
पाई की मण पाँच बेच दूँ
जे कोई ग्राहक हो तो
पाँचों में से चार छोड़ दूँ
दाम रोकड़ा दे तो
निंद्रा बेच दूं कोई ले तो।
रामो राम रटे तो तेरो
माया जाल कटेगो
निंद्रा बेच दूं कोई ले तो।।
के जाओ तुम राज द्वारे
के रसिया रस भोगी
म्हारों लारों छोड़ बावळी
मैं हूँ रमतो जोगी
निंद्रा बेच दूं कोई ले तो।
रामो राम रटे तो तेरो
माया जाल कटेगो
निंद्रा बेच दूं कोई ले तो।।
बैठ सभा में मिथ्या बोले
निंदिया करे पराई
वो घर हमने तुमको सौपा
जाजे बिना बुलाई
निंद्रा बेच दूं कोई ले तो।
रामो राम रटे तो तेरो
माया जाल कटेगो
निंद्रा बेच दूं कोई ले तो।।
ऊंचे मंदिर देख के जाओ
कामणी चँवर ढुलावे
म्हारे संग क्या लेगी बावळी
पत्थर में दुःख पावे
निंद्रा बेच दूं कोई ले तो।
रामो राम रटे तो तेरो
माया जाल कटेगो
निंद्रा बेच दूं कोई ले तो।।
कहे भरथरी सुण म्हारी निंद्रा
यहाँ नहीं तेरा वासा
मैं तो म्हारे गुरु भरोसे
राम मिलण री आशा
निंद्रा बेच दूं कोई ले तो।
रामो राम रटे तो तेरो
माया जाल कटेगो
निंद्रा बेच दूं कोई ले तो।।
निंद्रा बेच दूँ कोई ले तो
रामो राम रटे तो तेरो
माया जाल कटेगो
निंद्रा बेच दूं कोई ले तो।।
गायक सांवरमल जी सैनी।
प्रेषक रामेश्वर लाल पंवार।
आकाशवाणी सिंगर
9785126052
nindra bech du koi le to bhajan lyrics