निको लगे रे बड़ो प्यारो लगे मोहे लागे वृन्दावन निको लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










निको लगे रे बड़ो प्यारो लगे
दोहा वृन्दावन के वृक्ष को
मर्म न जाने कोय
डार डार और पात पात में
श्री राधे राधे होय।
निको लगे रे बड़ो प्यारो लगे
मोहे लागे वृन्दावन निको।।


वृन्दावन में बाग़ बहुत है
वृन्दावन में बाग़ बहुत है
बोलत मोर बनी को
सखी री लागे वृन्दावन निको
निको लगे री बड़ो प्यारो लगे
मोहे लागे वृन्दावन निको।।









वृन्दावन में गाय बहुत है
वृन्दावन में गाय बहुत है
खाएगो दूध दही को
सखी री लागे वृन्दावन निको
निको लगे री बड़ो प्यारो लगे
मोहे लागे वृन्दावन निको।।


वृन्दावन में मंदिर बहुत है
वृन्दावन में मंदिर बहुत है
दर्शन गोविन्द जी को
सखी री लागे वृन्दावन निको
निको लगे री बड़ो प्यारो लगे
मोहे लागे वृन्दावन निको।।


घर घर तुलसी ठाकुर सेवा
घर घर तुलसी ठाकुर सेवा
नहायगो जमुना जी को
सखी री लागे वृन्दावन निको
निको लगे री बड़ो प्यारो लगे
मोहे लागे वृन्दावन निको।।


मीरा के प्रभु गिरधर नागर
मीरा के प्रभु गिरधर नागर
भजन बिना नरसी को
सखी री लागे वृन्दावन निको
निको लगे री बड़ो प्यारो लगे
मोहे लागे वृन्दावन निको।।


निको लगे री बड़ो प्यारो लगे
मोहे लागे वृन्दावन निको।।













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