नटखट ललना झूल रहा पलना कृष्ण भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










नटखट ललना झूल रहा पलना
यशोदा के अंगना रे
खेल रहा ललना रे।।


आयी भादों महीने की
रात अंधियारी
जनम लियो कृष्णा रे
यशोदा के अंगना रे
नटखट ललना झुल रहा पलना
यशोदा के अंगना रे
खेल रहा ललना रे।।


रात है जनम अष्टमी वाली
नाच मेरी बहना रे
यशोदा के अंगना रे
नटखट ललना झुल रहा पलना
यशोदा के अंगना रे
खेल रहा ललना रे।।


दर्शन को आए शिव कैलाशी
मिट गई तृष्णा रे
यशोदा के अंगना रे
नटखट ललना झुल रहा पलना
यशोदा के अंगना रे
खेल रहा ललना रे।।









भीड़ लगी है नन्द के द्वारे
देने बधईया रे
यशोदा के अंगना रे
नटखट ललना झुल रहा पलना
यशोदा के अंगना रे
खेल रहा ललना रे।।


सज गई सारी गोकुल नगरी
बाजे चूड़ी कंगना रे
यशोदा के अंगना रे
नटखट ललना झुल रहा पलना
यशोदा के अंगना रे
खेल रहा ललना रे।।


नटखट ललना झूल रहा पलना
यशोदा के अंगना रे
खेल रहा ललना रे।।












natkhat lalana jhul raha palna bhajan lyrics