माँ पतितपावनी हे माँ जगतारिणी नर्मदे नर्मदे नर्मदे लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










माँ पतितपावनी
दोहा तेरे बगैर ना सजदे
किये कभी मैंने
बसा के दिल में तुझे
की है बंदगी मैंने
वो और होंगे जिन्हे
मौत आ गई होगी
मेरी माँ से पाई है
जिंदगी मैंने
मेरी रेवा से पाई है
जिंदगी मैंने।


माँ पतितपावनी
हे माँ जगतारिणी
माँ मगरवाहिनी
नर्मदे नर्मदे नर्मदे
माँ नमो नर्मदे नर्मदे।।
तर्ज माँ तू ही तू माये तू ही तू।









कोई बस्ती न थी
और नगर भी न था
कोई घर भी न था
और मंदिर न था
लाखो बरसो था पहले
समंदर यहाँ
थी प्रलयकाल में
थी प्रलयकाल में
भी मगर नर्मदे
नर्मदे नर्मदे नर्मदे
माँ नमो नर्मदे नर्मदे।।


पाप कट जाते है
एक स्नान से
मुक्ति मिल जाती है
तेरे गुणगान से
लोग होते तपी माँ
तेरे ध्यान से
तू है भवतारिणी
तू है भवतारिणी
रेवा माँ नर्मदे
नर्मदे नर्मदे नर्मदे
माँ नमो नर्मदे नर्मदे।।


तन को शीतल करे
मन को निर्मल करे
दीन दुखियों के माँ
रेवा संकट हरे
जिनकी है गोद खाली
माँ गोदी भरे
है चमत्कारी माँ
है चमत्कारी माँ
माँ मेरी नर्मदे
नर्मदे नर्मदे नर्मदे
माँ नमो नर्मदे नर्मदे।।


मां पतितपावनी
हे माँ जगतारिणी
माँ मगरवाहिनी
नर्मदे नर्मदे नर्मदे
माँ नमो नर्मदे नर्मदे।।















narmade narmade narmade lyrics