नर तू दो दिन को मेहमान गाड़ी जाने वाली रे लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
नर तू दो दिन को मेहमान
गाड़ी जाने वाली रे।
दोहा टिकट लिया अजमेर का
दिल्ली कैसे जाय
जयपुर खुलेरा बीच मे
टी टी पकड़े आय।
टी टी पकड़े आय
रेल सूं नीचे उतारे
देवे दो दस गाल
मुख पर थप्पड़ मारे।
प्रतापराम सत कहत है
पूर्ण टिकट कटाय
टिकट लिया अजमेर का
दिल्ली कैसे जाय।
नर तू दो दिन को मेहमान
गाड़ी जाने वाली रे।।
भाग्य से मनुष्य जन्म को पायो
पाकर राम नाम नही धायो
जग में झूठा जन्म गमायो
अवसर जाबा वालो रे
नर तूं दो दिन को मेहमान
गाड़ी जाने वाली रे।।
नर तूं टेसन ऊपर आया
आकर टिकट क्यो न कटाया
अब तूं भरम नींद में सोया
गाड़ी हंकबा वाली रे
नर तूं दो दिन को मेहमान
गाड़ी जाने वाली रे।।
नर तूं बण्यो फिरे है लाठ
थारे बेटा पोता को ठाट
पोता कूटण लागा टाट
घंटी बजने वाली रे
नर तूं दो दिन को मेहमान
गाड़ी जाने वाली रे।।
सतगुरु रामानंद जी पाया
मुझको सोहम शब्द सुणाया
हरिगुण दास कबीरा गाया
अवसर जाबा वालो रे
नर तूं दो दिन को मेहमान
गाड़ी जाने वाली रे।।
नर तूं दो दिन को मेहमान
गाड़ी जाने वाली रे।।
गायक प्रेषक चम्पा लाल प्रजापति।
मालासेरी डूँगरी 8947915979
nar tu do din ka mehman gadi jane wali re lyrics