नदी रे किनारे म्हारो कान्हो पतंग उड़ावे - MadhurBhajans मधुर भजन
नदी रे किनारे म्हारो कान्हो
पतंग उड़ावे
आयो पवन रो झोंलों
टूटी रेशम री डोरी
नदी रे किनारे।।
नदी रे किनारे म्हारों कान्हो
बंशी बजावे
बंशी री टेर सुण ने
दौड़ी वे गोपियाँ सारी
नदी रे किनारे।।
नदी रे किनारे म्हारों कान्हो
भोजन बणावे
जिमे संग राधा प्यारी
जिमावे ए गोपियाँ सारी
नदी रे किनारे।।
नदी रे किनारे कान्हो
चौपड़ खेले
खेले संग ग्वाल्या सारा
खेलावे यशोदा माई
नदी रे किनारे।।
नदी रे किनारे कान्हो
झूला लगावे
झूले संग राधा प्यारी
झुलावे ए गोपियाँ सारी
नदी रे किनारे।।
नदी रे किनारे म्हारो कान्हो
पतंग उड़ावे
आयो पवन रो झोंलों
टूटी रेशम री डोरी
नदी रे किनारे।।
गायक बालूराम सियाक
प्रेषक रामेश्वर लाल पँवार।
आकाशवाणी सिंगर।
9785126052
nadi re kinare mharo kanho patang udave lyrics