ना तो देर है ना अंधेर है तेरे कर्मो का ये सब फेर है लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










ना तो देर है ना अंधेर है
तेरे कर्मो का ये सब फेर है
तेरे कर्मो का ये सब फेर है।।


लाखो तीरथ जाके नहाले
मिटते नहीं कभी कर्मो के काले
नेकी की मन में ज्योत जगा ले
और जीवन में करले उजाले
ना तो देर है ना अन्धेर है
तेरे कर्मो का ये सब फेर है।।


नेकी जगत में जो तू करेगा
सर पे तेरे वो हाथ धरेगा
मुख से ना कुछ भी कहना पड़ेगा
बिन मांगे प्रभु घर को भरेगा
ना तो देर है ना अन्धेर है
तेरे कर्मो का ये सब फेर है।।


अपना करम ही सुख देता है
अपना करम ही दुःख देता है
कर्म बना जीवन देता है
कर्म मिटा जीवन देता है
ना तो देर है ना अन्धेर है
तेरे कर्मो का ये सब फेर है।।









हमें ही विजय सुन चलना ना आए
प्रभु तो सभी को चलना सिखाए
वो तो जरा भी ना तरसाए
हमको ही दिल से कहना ना आए


ना तो देर है ना अन्धेर है
तेरे कर्मो का ये सब फेर है।।


ना तो देर है ना अंधेर है
तेरे कर्मो का ये सब फेर है
तेरे कर्मो का ये सब फेर है।।
स्वर राकेश काला जी।










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