ना जी भर के देखा ना कुछ बात की भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










ना जी भर के देखा ना कुछ बात की
बड़ी आरजू थी मुलाक़ात की
करो दृष्टि अब तो प्रभु करुणा की
बड़ी आरजू थी मुलाक़ात की।।


गए जब से मथुरा वो मोहन मुरारी
सभी गोपियाँ बृज में व्याकुल थी भारी
कहा दिन बिताया कहाँ रात की
बड़ी आरजू थी मुलाक़ात की।।


चले आओ अब तो ओ प्यारे कन्हैया
यह सूनी है कुंजन और व्याकुल है गईया
सूना दो इन्हें अब तो धुन मुरली की
बड़ी आरजू थी मुलाक़ात की।।


हम बैठे हैं गम उनका दिल में ही पाले
भला ऐसे में खुद को कैसे संभाले
ना उनकी सुनी ना कुछ अपनी कही
बड़ी आरजू थी मुलाक़ात की।।









तेरा मुस्कुराना भला कैसे भूलें
वो कदमन की छैया वो सावन के झूले
ना कोयल की कूकू ना पपीहा की पी
बड़ी आरजू थी मुलाक़ात की।।


तमन्ना यही थी की आएंगे मोहन
मैं चरणों में वारुंगी तन मन यह जीवन
हाय मेरा कैसा ये बिगड़ा नसीब
बड़ी आरजू थी मुलाक़ात की।।










na ji bhar ke dekha hindi bhajan lyrics