मुश्किल हुआ रे मेरा पनघट पे आना भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
मुश्किल हुआ रेमेरा पनघट पे आना
मुश्किल हुआ रेमेरा पनघट पे आना
जाऊँ जिस गली में मोहे
मिल जाए कान्हा
मुश्किल हुआ रेमेरा पनघट पे आना।।
तर्ज परदेसियों से ना अंखिया।
बोली कन्हैया जरा मटकी उठा दे
धीरे से बोले गौरी मुखड़ा दिखा दे
दईया री दईया उनका ऐसा बतियाना
मुश्किल हुआ रे पनघट पे जाना
जाऊँ जिस गली में मोहे
मिल जाए कान्हा
मुश्किल हुआ रे मेरा पनघट पे आना।।
मुख से उठाया मेरा घूँघट मुरारी
छोड़ आई गगरी मैं तो लाज के मारी
छेड़े है सहेली मोहे मारे है ताना
मुश्किल हुआ रे पनघट पे जाना
जाऊँ जिस गली में मोहे
मिल जाए कान्हा
मुश्किल हुआ रेमेरा पनघट पे आना।।
मैया यशोदा तेरा लाल है अनाड़ी
फोड़ दई गगरी मेरी फाड़ दई साड़ी
लड़ेगी जेठानी मोहे मारेगी ताना
मुश्किल हुआ रे पनघट पे जाना
जाऊँ जिस गली में मोहे
मिल जाए कान्हा
मुश्किल हुआ रेमेरा पनघट पे आना।।
मटकी फोड़े कान्हा माखन भी खाए
बंसी की धुन पे सारे ब्रज को रिझाए
दिल है बिहारी मेरे श्याम का दीवाना
मुश्किल हुआ रे पनघट पे जाना
जाऊँ जिस गली में मोहे
मिल जाए कान्हा
मुश्किल हुआ रेमेरा पनघट पे आना।।
मुश्किल हुआ रेमेरा पनघट पे आना
मुश्किल हुआ रेमेरा पनघट पे आना
जाऊँ जिस गली में मोहे
मिल जाए कान्हा
मुश्किल हुआ रेमेरा पनघट पे आना।।
mushkil hua re mera panghat pe aana lyrics