मूषक सवारी लेके आना गणराजा भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
मूषक सवारी लेके
आना गणराजा
रिद्धि सिद्धि को ले आना
आके भोग लगाना
मेरे आंगन में आंगन में
मुषक सवारी लेके
आना गणराजा।।
तर्ज कौन दिशा में।
लाल सिंदूर का टिका लगा के
पान और फूल चड़ाउ
मोदक लडूवन से भर थाली
तुम को भोग लगाउ
देख तुम्हारी महिमा निराली
गाउं बारम्बार हो
कारज मेरे सब
शुभ कर जाना
रिद्धि सिद्धि को ले आना
आके भोग लगाना
मेरे आंगन में आंगन में
मुषक सवारी लेके
आना गणराजा।।
सुख करता तुम
दुःख के हरता
सबके प्यारे गणेश हो
प्यार दुलार हमेशा रहे प्रभु
ना हो कोई कलेश हो
सब की नैया पार किये हो
मुझको भी दो तार
चरणों में तेरे प्रभु मेरा ठिकाना
रिद्धि सिद्धि को ले आना
आके भोग लगाना
मेरे आंगन में आंगन में
मुषक सवारी लेके
आना गणराजा।।
मूषक सवारी लेके
आना गणराजा
रिद्धि सिद्धि को ले आना
आके भोग लगाना
मेरे आंगन में आंगन में
मुषक सवारी लेके
आना गणराजा।।
गायक मुकेश कुमार जी।
mushak sawari leke aana ganraja lyrics