मुकुट सिर मोर का मेरे चित चोर का भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
मुकुट सिर मोर का
मेरे चित चोर का
दो नैना नैना नैना
दो नैना सरकार के
कटीले हैं कटार से।।
आजा के भरलु तुझे
अपनी बाहो में
आजा छिपा लु तुझे
अपनी निगाहो में
दीवानों ने विचार के
कहा ये पुकार के
दो नैना सरकार के
कटीले हैं कटार से।।
रास बिहारी नहीं
तुलना तुम्हारी
तुमसा ना देखा कोई
पहले अगाडी
के नुनराए वार के
के नजरे उतार के
दो नैना सरकार के
कटीले हैं कटार से।।
प्रेम लजाये तेरी
बाँकी अदाओं पर
फुले घटाए तेरी
तिरछी निगाहो पर
की सौ चाँद वार के
दीवाने गएहार के
दो नैना सरकार के
कटीले हैं कटार से।।
मुकुट सिर मोर का
मेरे चित चोर का
दो नैना नैना नैना
दो नैना सरकार के
कटीले हैं कटार से।।
mukut sirmor ka bhajan lyrics