मुकुट सिर स्वर्ण का मेरे गजानंद का भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










मुकुट सिर स्वर्ण का
मेरे गजानंद का
माँ गौरा के ये लाल है
देव ये कमाल है
माँ गौरा के ये लाल है
देव ये कमाल है।।
तर्ज मुकुट सिर मोर का।


भक्तो का गजमुख इनका
रूप सुहाया है
सब देवों में इनका
गुणगान गाया है
मूषक के असवार है
ये सांचे अवतार है
माँ गौरा के ये लाल है
देव ये कमाल है
माँ गौरा के ये लाल है
देव ये कमाल है।।


एकदंत दयावंता
चारभुजा धारी है
माथे तिलक सुहाए
बप्पा दातारी है
प्रथम तेरा नाम है
ये सांचे भगवान है
माँ गौरा के ये लाल है
देव ये कमाल है
माँ गौरा के ये लाल है
देव ये कमाल है।।









रिद्धि सिद्धि बल और बुद्धि
के ये प्रदाता है
सुखकर्ता दुःख के हर्ता
धन धान दाता है
जो ह्रदय में धार ले
तो भव से ये तार दे
माँ गौरा के ये लाल है
देव ये कमाल है
माँ गौरा के ये लाल है
देव ये कमाल है।।


मुकुट सिर स्वर्ण का
मेरे गजानंद का
माँ गौरा के ये लाल है
देव ये कमाल है
माँ गौरा के ये लाल है
देव ये कमाल है।।
स्वर राकेश काला।










mukut sir swarn ka mere gajanand ka lyrics