मुकदमो जीत गया रे म्हारा सतगुरु बनिया वकील लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
मुकदमो जीत गया रे
म्हारा सतगुरु वनीया वकील
सतगुरु वणिया वकील
धिनगुरु वणिया वकील
मुक़दमों जीत गया रे
म्हारा सतगुरु वनीया वकील।।
सत्संग कोर्ट कारज सारे
काल बलि दुश्मन ने मारे
पुरो भरोशों आय गयो रे
निर्भय भई रे अपील
मुक़दमों जीत गया रे
म्हारा सतगुरु वनीया वकील।।
जिन पुरुषो की अद्भुत माया
तीन ताप ताप अभिमान मिटाया
गलती करे सो पाताल पहुशिया
चाली चाल वकील
मुक़दमों जीत गया रे
म्हारा सतगुरु वनीया वकील।।
अद्भुत आप अप्रबल मरनी
कागज कलम शब्द री करणी
भव रे विघ्न शब्द दूर हटाया
तोड़ी तृष्णा री शील
मुक़दमों जीत गया रे
म्हारा सतगुरु वनीया वकील।।
वेदान्त प्रेमी कहे हीराराम रे
अगम अगोचर बेगम धाम रे
निज रूप सदा सुख से भेजियो
समझे सन्त सुशील
मुक़दमों जीत गया रे
म्हारा सतगुरु वनीया वकील।।
मुकदमो जीत गया रे
म्हारा सतगुरु वनीया वकील
सतगुरु वणिया वकील
धिनगुरु वणिया वकील
मुक़दमों जीत गया रे
म्हारा सतगुरु वनीया वकील।।
प्रेषक नारायण माली
9772152194
mukadma jeet gaya re mhara satguru baniya vakil lyrics