मुझको तो वृन्दावन जाना भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
मुझको तो वृन्दावन जाना
दोहा टूट गए दुनिया के नाते
इक श्याम तुम्ही से नाता है
तू है मेरा मैं हूँ तेरा
अब और ना कोई भाता है।
जब कशिश उठे
तेरे मिलने की
ना धीरज मन को होता है
तेरी याद के बिन कुछ याद नहीं
ना जगता है ना सोता है।
गली गली में संत जहाँ
राधा नाम का जहाँ धन है
राज चले जहाँ श्यामा जू का
ऐसा हमारा वृन्दावन है।
ना चाहूँ हीरे मोती
ना चाहूँ सोना चांदी
मैं तो अपने गिरधर की
हो गयी रे प्रेम दीवानी
छोड़ी रजधानी तेरी राणा
मुझको तो वृन्दावन जाना
मुझको तो वृन्दावन जाना।।
एक ना मानूंगी मैं
वृन्दावन जाउंगी मैं
अपने गिरधर के आगे
नाचूंगी गाऊँगी मैं
विरहा की हूँ मैं मारी
छोड़ के महल अटारी
मन मोहन की मैं प्यारी
दुनिया से होके न्यारी
लेके चली प्रेम का नज़राना
मुझको तो वृँदावन जाना
मुझको तो वृन्दावन जाना।।
पल पल तड़पु मैं ऐसे
मछली बिन जल के जैसे
अपने गिरधर के बिन मैं
जीवन जियूँगी कैसे
पिया बिन रह ना पाऊँ
किसको ये दर्द सुनाऊँ
दर्शन बिन गिरधर के मैं
कैसे मैं जनम बिताऊं
उनको ही सर्वस्व मैंने माना
मुझको तो वृँदावन जाना
मुझको तो वृन्दावन जाना।।
गिरधर मेरे मन भाया
मैं गिरधर के मन भायी
मीरा की नटनागर संग
हो गयी है प्रेम सगाई
गिरधर के प्रेम में घायल
पैरो में बांध के पायल
नाचूंगी बनके पागल
चरणों में बीते हर पल
लौट के वापस नहीं आना
मुझको तो वृँदावन जाना
मुझको तो वृन्दावन जाना।।
तोड़ के सारे बंधन
मीरा चली वृंदावन
अपने गिरधर नागर पे
न्योछावर कर दिया जीवन
मीरा की प्रेम कहानी
सारी दुनिया ने जानी
भक्तो के आगे प्रभु की
चलती है ना मनमानी
चित्र विचित्र ने भी ठाना
मुझको तो वृँदावन जाना
मुझको तो वृन्दावन जाना।।
ना चाहूँ हीरे मोती
ना चाहूँ सोना चांदी
मैं तो अपने गिरधर की
हो गयी रे प्रेम दीवानी
छोड़ी रजधानी तेरी राणा
मुझको तो वृन्दावन जाना
मुझको तो वृन्दावन जाना।।
स्वर श्री चित्र विचित्र जी महाराज।
mujhko to vrindavan jana lyrics in hindi