मुझको अगर तू फूल बनाता ओ साँवरे भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










मुझको अगर तू फूल
बनाता ओ साँवरे।
श्लोक हर ख़ुशी है मगर
इक कमी रह गई
मेरी पलकों में प्यारे
नमी रह गई
तेरी महफिल में
खुल के वो कहता हूँ मैं
बात दिल की
जो दिल में दबी रह गई
सुन मेरे प्यारे।
मुझको अगर तू फूल
बनाता ओ साँवरे
मंदिर मैं तेरा रोज
सजाता ओ साँवरे।।
तर्ज मिलती है जिंदगी में।









तेरा जिक्र जिक्र इत्र का
तेरी बात इत्र की
तेरी बात इत्र की
मंदिर में तेरे होती है
बरसात इत्र की
छींटा कोई तो मुझपे भी
आता ओ साँवरे
मंदिर मैं तेरा रोज
सजाता ओ साँवरे।
मुझको अगर तु फूल
बनाता ओ साँवरे
मंदिर मैं तेरा रोज
सजाता ओ साँवरे।।


मेरे श्याम काम आता मैं
तेरे श्रृंगार में
तेरे श्रृंगार में
तेरे भक्त पिरो देते मुझे
तेरे हार में
मुझ को गले तू रोज
लगाता ओ साँवरे
मंदिर मैं तेरा रोज
सजाता ओ साँवरे।
मुझको अगर तु फूल
बनाता ओ साँवरे
मंदिर मैं तेरा रोज
सजाता ओ साँवरे।।


बन के गुलाब काँटो में
रहना कबूल है
रहना कबूल है
किस्मत में मेरी गर तेरे
चरणों की धूल है
संदीप सर ना दर से
उठाता ओ सांवरे
चरणों से तेरे सर ना
उठाता ओ सांवरे
मंदिर मैं तेरा रोज
सजाता ओ साँवरे।
मुझको अगर तु फूल
बनाता ओ साँवरे
मंदिर मैं तेरा रोज
सजाता ओ साँवरे।।


मुझको अगर तू फूल
बनाता ओ साँवरे
मंदिर मैं तेरा रोज
सजाता ओ साँवरे।।





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mujhko agar tu ful banata o sanware lyrics