मुझे रास आ गया है तेरे दर पर सर झुकाना भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










मुझे रास आ गया है
तेरे दर पर सर झुकाना
तुझे मिल गया पुजारी
मुझे मिल गया ठिकाना
मुझे रास आ गया हैं
तेरे दर पर सर झुकाना।।


मुझे इसका गम नहीं है
यह दुनिया रुठ जाए
मुझे इसका गम नहीं है
यह दुनिया रुठ जाए
मेरी जिंदगी के मालिक
कहीं तुम ना रूठ जाना
मुझे रास आ गया हैं
तेरे दर पर सर झुकाना
तुझे मिल गया पुजारी
मुझे मिल गया ठिकाना।।


तेरी बंदगी से पहले
मुझे कौन जानता था
तेरी बंदगी से पहले
मुझे कौन जानता था
तेरी याद ने बना दी
मेरी जिंदगी फसाना
मुझे रास आ गया हैं
तेरे दर पर सर झुकाना
तुझे मिल गया पुजारी
मुझे मिल गया ठिकाना।।


दुनिया की ठोकरों से
आया मैं तेरे द्वारे
दुनिया की ठोकरों से
आया मैं तेरे द्वारे
मेरे मुरली वाले मोहन
अब और ना सताना
मुझे रास आ गया हैं
तेरे दर पर सर झुकाना
तुझे मिल गया पुजारी
मुझे मिल गया ठिकाना।।









तेरी सांवरी सुरतिया
मेरे मन में बस गई है
तेरी सांवरी सुरतिया
मेरे मन में बस गई है
अब आ भी जाओ मोहन
करके कोई बहाना
मुझे रास आ गया हैं
तेरे दर पर सर झुकाना
तुझे मिल गया पुजारी
मुझे मिल गया ठिकाना।।


मुझे रास आ गया है
तेरे दर पर सर झुकाना
तुझे मिल गया पुजारी
मुझे मिल गया ठिकाना
मुझे रास आ गया हैं
तेरे दर पर सर झुकाना।।
गायक श्री चित्र विचित्र जी महाराज।
प्रेषक शेखर चौधरी मो 9074110618










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