मुझे दुनिया की दरकार नहीं हे नाथ सहारो थारो है लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
मुझे दुनिया की दरकार नहीं
हे नाथ सहारो थारो है
हे नाथ सहारो थारो है
मुझे एक भरोसो थारो है
मुझे दुनियां की दरकार नहीं
हे नाथ सहारो थारो है।।
तर्ज अब सौंप दिया इस जीवन।
मुझे सुख का कोई मोह नहीं
मुझे दुख से कोई रोस नहीं
मेरा तुम बिन कोई और नहीं
हे नाथ सहारो थारो है
मुझे दुनियां की दरकार नहीं
हे नाथ सहारो थारो है।।
जग झूठ कपट की माया है
तृष्णा का काला साया है
मेरा राग द्वेष प्रभु दूर करो
हे नाथ सहारो थारो है
मुझे दुनियां की दरकार नहीं
हे नाथ सहारो थारो है।।
मुझे धन दौलत की चाह नहीं
यश अपयश की परवाह नहीं
तेरे भक्तों में मेरा नाम रहे
हे नाथ सहारो थारो है
मुझे दुनियां की दरकार नहीं
हे नाथ सहारो थारो है।।
मैं जो भी करूँ तेरी आज्ञा समझ
फल जो भी मिले प्रसाद समझ
तेरे निर्णय सब मंजूर मुझे
हे नाथ सहारो थारो है
मुझे दुनियां की दरकार नहीं
हे नाथ सहारो थारो है।।
मुझे पूजा विधि का ध्यान नहीं
मुझे कर्मकांड का ज्ञान नहीं
गुरु मात पिता वचनों में रहूँ
हे नाथ सहारो थारो है
मुझे दुनियां की दरकार नहीं
हे नाथ सहारो थारो है।।
छल झूठ कपट से दूर रहूँ
जग के बंधन से मुक्त रहूँ
मुझे भवसागर से पार करो
प्रभु दास सुभाष तुम्हारो है
मुझे दुनियां की दरकार नहीं
हे नाथ सहारो थारो है।।
हे नाथ अधीन मैं तेरे रहूँ
पराधीन नहीं हो जाऊँ मैं
मुझे निज पर कभी अभिमान न हो
हे नाथ सहारो थारो है
मुझे दुनियां की दरकार नहीं
हे नाथ सहारो थारो है।।
मुझे दुनिया की दरकार नहीं
हे नाथ सहारो थारो है
हे नाथ सहारो थारो है
मुझे एक भरोसो थारो है
मुझे दुनियां की दरकार नहीं
हे नाथ सहारो थारो है।।
लेखकप्रेषक सुभाष चंद्र पारीक जायल।
9784075304
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mujhe duniya ki darkar nahi he nath saharo tharo hai lyrics