मोर पंख वाला मिल गया भजन लिरिक्स - Mor Pankh Wala Mil Gaya Lyrics
अकेली गई थी ब्रज में
कोई नहीं था मेरे मन में
मोर पंख वाला मिल गया
मोरपंख वाला मिल गया।।
नींद चुराई बंसी बजा के
चैन चुराया सैन चलाके
लगी आस मेरे मन में
गई थी मैं वृंदावन में
बांसुरी वाला मिल गया
मोरपंख वाला मिल गया।।
उसी ने बुलाया उसी ने रुलाया
ऐसा सलोना श्याम मेरे मन भाया
टेढ़ी बाकी चाल देखी
टेढा मुकुट भी देखा
टेढ़ी टांग वाला मिल गया
मोरपंख वाला मिल गया।।
बांके बिहारी मेरे ह्रदय में बसाऊ
तेरे बिना श्यामसुंदर कहां चैन पाऊं
लगन लगी तन मन में
ढूंढ रही मैं निधिवन में
गव्वे वाला मिल गया
मोरपंख वाला मिल गया।।
अकेली गई थी ब्रज में
कोई नहीं था मेरे संग में
मोर पंख वाला मिल गया
मोरपंख वाला मिल गया।।
प्रेषक प्रसन्न दुबे।
8827417995
mor pankh wala mil gaya lyrics