मोर छड़ी थारा हाथा में हीरो चमके माथा में भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










मोर छड़ी थारा हाथा में
हीरो चमके माथा में
थारे गल फुला रो हार
बाबा श्याम धणी।।
तर्ज मेहंदी रची म्हारा हाथा में।


नाम सुण्यो है जद से थारो
नींदडली नहीं आंख्या में
बड़ी दूर से चलकर आयो
द्यो दर्शन थारा भक्ता ने
द्यो दर्शन थारा भक्ता ने
आंसू भरया म्हारी आंख्या में
नैया है भव सागर में
म्हारी नैया पार लगा दो
बाबा श्याम धणी
थारे गल फुला रो हार
बाबा श्याम धणी।।


एक सहारो तेरो बाबा
म्हणे क्यूँ तरसावे है
कद से थारी टेर लगावा
क्यों ना दर्श दिखावे है
क्यों ना दर्श दिखावे है
गले लगा तेरे टाबर ने
राह दिखा तू भूल्या ने
अब सुनले तू लखदातार
बाबा श्याम धणी
थारे गल फुला रो हार
बाबा श्याम धणी।।









मैं तो सुणी हाँ बाबा थारी
महिमा अपरम्पार घणी
क्यों तरसावे बाबा जी
थारे टाबरिया ने आस घणी
थारे टाबरिया ने आस घणी
गुण गांवा दिन राता ने
भूल गया सब कामा ने
सब नैया पार लगाओ
बाबा श्याम धणी
थारे गल फुला रो हार
बाबा श्याम धणी।।


काशीराम कहे श्याम बिहारी
सब भक्ता नी टेर सुणो
सब भक्ता के संग में बाबा
म्हारे सिर पर हाथ धरो
म्हारे सिर पर हाथ धरो
भजन सुणावा मैं थाने
दर्शन दे द्यो ते म्हाने
ते भक्ति रा दातार
बाबा श्याम धणी
थारे गल फुला रो हार
बाबा श्याम धणी।।


मोर छड़ी थारा हाथा में
हीरो चमके माथा में
थारे गल फुला रो हार
बाबा श्याम धणी।।










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