मोहन तुम्हारी सूरत हमको सता रही है भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










मोहन तुम्हारी सूरत
हमको सता रही है
हमको सता रही है
ऐसी अड़ी है दिल में
भूली ना जा रही है
मोंहन तुम्हारी सुरत
हमको सता रही है।।


आ जाओ अब कन्हैया
तुम बिन बिचारी आँखे
लड़ियाँ बना बना के
आंसू बहा रही है
आंसू ना रुक रहे है
आहे ना थम रही है
मोंहन तुम्हारी सुरत
हमको सता रही है।।


ज्यादा कहे क्या मोहन
अब जान जा रही है
अब प्राण ही कहेंगे
बीती हुई कहानी
दर्शन दो प्राण प्यारे
श्यामा बुला रही है
मोंहन तुम्हारी सुरत
हमको सता रही है।।


मोहन तुम्हारी सूरत
हमको सता रही है
हमको सता रही है
ऐसी अड़ी है दिल में
भूली ना जा रही है
मोंहन तुम्हारी सुरत
हमको सता रही है।।







स्वर प्रकाश जी और सीता जी।










mohan tumhari surat lyrics