मिलने को जब जब भी जी ललचाता है भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
मिलने को जब जब भी
जी ललचाता है
प्रेम तुम्हारा हमको
खाटू खींच लाता है।।
तर्ज तुझको ना देखूं तो।
खाटू के गाँव की
वो तंग गलियाँ
बाबा के धाम की
फूलो की बगियां
खाटू की माटी की
खुशबू सुहानी
बाबा के कुण्ड का
वो निर्मल पानी
मन का मेल नहाने से
सब धूल जाता है
प्रेम तुम्हारा हमको
खाटू खींच लाता है।।
खाटू में जाते
हम तो अकेले
मिलते वहाँ है
खुशीयो के मेले
बाबा के प्रेमियों का
ऐसा परिवार है
भक्तो में प्रेम का
बटता उपहार है
रह रह के खयालों में
जब ये आता है
प्रेम तुम्हारा हमको
खाटू खींच लाता है।।
ऐसा क्या जादू
तुमने चलाया
मोहित अपना
तुमने बनाया
आँखों से अश्क का
बहता सैलाब है
तुम्हारी याद में
दिल ये बेताब है
ऐसा क्यों होता है
समझ ना आता है
प्रेम तुम्हारा हमको
खाटू खींच लाता है।।
मिलने को जब जब भी
जी ललचाता है
प्रेम तुम्हारा हमको
खाटू खींच लाता है।।
milne ko jab jab bhi jee lalchata hai lyrics