म्हारो घड़ी रे घड़ी रो रिछपाल भक्तां रो प्रतिपाल भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










म्हारो घड़ी रे घड़ी रो रिछपाल
भक्तां रो प्रतिपाल
वो खाटू वाला श्याम जी
ओ लीले वाला श्याम जी।।


नैया पड़ गई बीच भंवर में
केवट भुल्यों राह
दास भरोसे बैठ्यो आपके
सुनी पड़ी रे पतवार
वो खाटू वालो श्याम जी
म्हारों घड़ी रे घड़ी रो रिछपाल
भक्तां रो प्रतिपाल
वो खाटू वाला श्याम जी।।


आधी रात पहर के तड़के
खाटू पड़ी रे पुकार
सुनत पुकार नींद से जाग्यो
आप संभाली पतवार
वो खाटू वालो श्याम जी
म्हारों घड़ी रे घड़ी रो रिछपाल
भक्तां रो प्रतिपाल
वो खाटू वाला श्याम जी।।


दीन अनाथों के मेरे बाबा
थारो ही आधार
डूबी नैया पार लगावे
श्याम बड़ो ही दातार
वो खाटू वालो श्याम जी
म्हारों घड़ी रे घड़ी रो रिछपाल
भक्तां रो प्रतिपाल
वो खाटू वाला श्याम जी।।









आलूसिंह जी करे विनती
सुनों मेरे करतार
दास गाड़ियों अर्ज करत है
नैया लगादो भव से पार
वो खाटू वालो श्याम जी
म्हारों घड़ी रे घड़ी रो रिछपाल
भक्तां रो प्रतिपाल
वो खाटू वाला श्याम जी।।


म्हारो घड़ी रे घड़ी रो रिछपाल
भक्तां रो प्रतिपाल
वो खाटू वाला श्याम जी
ओ लीले वाला श्याम जी।।
स्वर श्यामसिंह जी चौहान।










mharo ghadi re ghadi ro richpal lyrics