मारी उड़ेनी कोयलडी तू तो सुन्धा पर्वत जाय - MadhurBhajans मधुर भजन










मारी उड़ेनी कोयलडी
तू तो सुन्धा पर्वत जाय
मारी सुन्धा माता ने कहिजे
तू तो गरबे रमवा आव
म्हारी उडेनी कोयलडी
तू तो सुन्धा पर्वत जाय
मारी चामुंडा ने कहिजे
तू तो गरबे रमवा आव।।


ओ थाने मालीजी रा बेटा
एतो माताजी बुलाय
मारी सुन्धा माँ रे
फुलडावालो गजरो लेने आव
म्हारी उडेनी कोयलडी
तू तो सुन्धा पर्वत जाय
मारी चामुंडा ने कहिजे
तू तो गरबे रमवा आव।।


ओ थाने दरजीजी रा बेटा
एतो माताजी बुलाय
मारी सुन्धा माँ रे
तारा जडीया चुनडी लेने आव
म्हारी उडेनी कोयलडी
तू तो सुन्धा पर्वत जाय
मारी चामुंडा ने कहिजे
तू तो गरबे रमवा आव।।


थाने सोनीजी रा बेटा
एतो माताजी बुलाय
मारी सुन्धा माँ रे
सोने वालो छत्तर लेने आव
म्हारी उडेनी कोयलडी
तू तो सुन्धा पर्वत जाय
मारी चामुंडा ने कहिजे
तू तो गरबे रमवा आव।।









थाने सिरवीयो रा बेटा
एतो माताजी बुलाय
मारी सुन्धा माँ रे
हाथा रूडो चुडलो लेने आव
म्हारी उडेनी कोयलडी
तू तो सुन्धा पर्वत जाय
मारी चामुंडा ने कहिजे
तू तो गरबे रमवा आव।।


कोई हरीश गहलोत
मैया गुण थारा गाय
मारी सुन्धा री धनीयानी ने
ए हेता सु बुलाय
म्हारी उडेनी कोयलडी
तू तो सुन्धा पर्वत जाय
मारी चामुंडा ने कहिजे
तू तो गरबे रमवा आव।।


मारी उड़ेनी कोयलडी
तू तो सुन्धा पर्वत जाय
मारी सुन्धा माता ने कहिजे
तू तो गरबे रमवा आव
म्हारी उडेनी कोयलडी
तू तो सुन्धा पर्वत जाय
मारी चामुंडा ने कहिजे
तू तो गरबे रमवा आव।।
प्रेषक मनीष सीरवी
9640557818










mhari ude ni koyaldi tu to sundha parvat jaay lyrics