म्हारे कालजे री कोर प्यारा प्यारा चितचोर भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
म्हारे कालजे री कोर
प्यारा प्यारा चितचोर
म्हारे नैणा सू नैण मिलाले रे
बाबा कुछ म्हासू बतलाले रे
बतलाले रे श्याणा
कुछ म्हासू बतलाले रे।।
थारी कृपा सु सेठ साँवरा
थारे द्वारे आया
रोम रोम हरषायो म्हारो
थारा दर्शन पाया
कैसो प्यारो सिणगार
लेवुनज़र उतार
कोई नज़र ना आज लगा दे रे
श्याणा कुछ म्हासू बतलाले रे
बतलाले रे बाबा
कुछ म्हासू बतलाले रे।।
रंग बिरंगा गजरा थारी
शोभा और बढ़ावे
माथे मुकुट गले में कंठी
केसर तिलक लगावे
भक्ता बोले जय जयकार
गूंज्यो श्याम दरबार
बाबा थोड़ी सी पलक उठा ले रे
श्याणा कुछ म्हासू बतलाले रे
बतलाले रे बाबा
कुछ म्हासू बतलाले रे।।
आज तो थारे मुखमंडल री
आभा लागे न्यारी
नज़र ना ठहरे आज रूप पर
जावा वारि वारि
करा थारो गुणगान
दे द्यो चरणा में अस्थान
म्हारी जन्मा री प्यास बुझा दे रे
श्याणा कुछ म्हासू बतलाले रे
बतलाले रे बाबा
कुछ म्हासू बतलाले रे।।
सुण सुण बाता प्रेम भरी
म्हारो बाबो फूल्यो जावे
प्रेम भरी नजराँ स्यूं देख
मीठो सो मुस्कावे
उठी उठी जो हिलोर
नाचे मनड़ा रो मोर
नंदू मस्ती रो रंग बरसा दे रे
श्याणा कुछ म्हासू बतलाले रे
बतलाले रे बाबा
कुछ म्हासू बतलाले रे।।
म्हारे कालजे री कोर
प्यारा प्यारा चितचोर
म्हारे नैणा सू नैण मिलाले रे
बाबा कुछ म्हासू बतलाले रे
बतलाले रे श्याणा
कुछ म्हासू बतलाले रे।।
लेखक नंदू जी शर्मा।
स्वर केमिता जी राठौर।
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