म्हारे जागरण में आईये तेरी जोत जगाई री - MadhurBhajans मधुर भजन
म्हारे जागरण में आईये
तेरी जोत जगाई री
हल्वे का प्रसाद बणाया
देबी माई री।।
सुंदर सा दरबार री मईया
भक्तों ने सजाया
श्रध्दा से भक्तों ने मईया
फुलों का हार बणाया
मनमोहक रूप बणाया
मनमोहक रूप बणाया
चुंदड़ी लाल उढ़ाई री
हल्वे का प्रसाद बणाया
देबी माई री।।
भक्त भक्तणि मिल कः
दर तेरे प आए
धज्जा नारियल फल मेवा
माँ तेरी भेंट चढ़ांए है
कोई नाच रहा कोई गाए
कोई नाच रहा कोई गाए
भवन में धुम मचाई री
हल्वे का प्रसाद बणाया
देबी माई री।।
कोए पुकारः जगदम्बे
कोई कहता पहाड़ों वाली
वैष्णों माता कह क बोलः
कोए कहता गुड़गामे आली
बैरी भनभौरी आली
बैरी भनभौरी आली
तन्नै मनसा माई री
हल्वे का प्रसाद बणाया
देबी माई री।।
गुरू दयाचंद भी श्याम सवेरी
जपता तेरी माला
कोयल की ज्युं भजन सुणा क
टोनी करः उजाला
राम भक्त श्यामड़ी आला
राम भक्त श्यामड़ी आला
करता कविताई री
हल्वे का प्रसाद बणाया
देबी माई री।।
म्हारे जागरण में आईये
तेरी जोत जगाई री
हल्वे का प्रसाद बणाया
देबी माई री।।
गायक नरेन्द्र कौशिक।
भजन प्रेषक राकेश कुमार जी
खरक जाटानरोहतक
9992976579
mhare jagran mein aaiye teri jyot jagai ri lyrics