म्हारा श्याम बहादुर जी थे कैयां पट खुलवाया लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
म्हारा श्याम बहादुर जी
थे कैयां पट खुलवाया।।
तर्ज मेरी बीच भंवर में है।
तर्ज छोड़ गए बालम।
सेवक से मांगी चाबी जद
वो करदी इनकार
सेवक बोल्यौ खुद खुलवाल्यो
बाबो थारो यार
म्हारां श्याम बहादुर जी
थे कैयां पट खुलवाया।।
इतनी सुनकर गुरूवर बोल्या
अब कोनी दरकार
म्हारो बाबा खुद खोलेगो
अपनों यो दरबार
म्हारां श्याम बहादुर जी
थे कैयां पट खुलवाया।।
जय जयकार करी भगता नै
बाबो हांसन लाग्यो
बांको बालक जिद पै अड़कर
लेन समाधि चाल्यो
म्हारां श्याम बहादुर जी
थे कैयां पट खुलवाया।।
लेकर हाथां मोरछड़ी जद
श्याम धनी नै ध्यायो
बालक खातिर बाबो उठकर
आधी रात नै आयो
म्हारां श्याम बहादुर जी
थे कैयां पट खुलवाया।।
खोल किवाडी दर्शन देकर
लाल नै खूब नचायो
फूल की वर्षा हुई घनेरी
चमत्कार दिखलायो
म्हारां श्याम बहादुर जी
थे अइयां पट खुलवाया।।
म्हारा श्याम बहादुर जी
थे कैयां पट खुलवाया।।
लेखक प्रेषक पदम बंसल।
9999465160
mhara shyam bahadur ji the kaiya pat khulwaya lyrics