म्हारा सतगुरु जाम्भाजी म्हारा धिन गुरु जाम्भाजी - MadhurBhajans मधुर भजन










म्हारा सतगुरु जाम्भाजी
म्हारा धिन गुरु जाम्भाजी।।


ए रूप कोई राम को धार्यो जी
ए रावण ने मारीयो जी
ए रूप कोई राम को धार्यो जी
रावण ने मारीयो जी
विभिषण तार्यो जी
मारा सतगुरु जाम्भाजी
मारा धिन गुरु जाम्भाजी।।


रूप कोई नरसिंह धार्यो जी
प्रहलाद ऊबारीयो रे
रूप कोई नरसिंह धार्यो जी
प्रहलाद ऊबारीयो रे
हिरण्यकश्यप मारीयो जी
मारा सतगुरु जाम्भाजी
मारा धिन गुरु जाम्भाजी।।


ए लोवट घर आया जी
सब कुल ने तार्यो जी
लोवट घर आया जी
सब कुल ने तार्यो जी
ए भक्त बन आया जी
मारा सतगुरु जाम्भाजी
मारा धिन गुरु जाम्भाजी।।









कलयुग मे आया जी
गुरु जम्भ कहलाया जी
कलयुग मे आया जी
गुरु जम्भ कहलाया जी
सब जीवो ने तार्यो जी
मारा सतगुरु जाम्भाजी
मारा धिन गुरु जाम्भाजी।।


कथ रामनिवास गावे
ओ चरना मे नित आवे
कथ रामनिवास गावे
ओ चरना मे नित आवे
ओ लवेरा वाला जी
मारा सतगुरु जाम्भाजी
मारा धिन गुरु जाम्भाजी।।


म्हारा सतगुरु जाम्भाजी
म्हारा धिन गुरु जाम्भाजी।।
गायक शंकर जी टाक।
प्रेषक मनीष सीरवी
9640557818










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