म्हारा हँसला रे चालो शिखर गढ़ काया कोटरी में रंग लागो - MadhurBhajans मधुर भजन










म्हारा हँसला रे चालो शिखर गढ़
काया कोटरी में रंग लागो।
दोहा कहे संन्त संग्राम राम ने भूलू कीकर
भूल्या भुन्दी होय मजनो जावे बिखर
बिखर जावे माजनो जावे गधा की जून
मोरा पड़सी टाकिया ऊपर लाद सी लुंन
ऊपर लद सी लुंन चढ़ावे समो शिखर
कहे संन्त संग्राम राम ने भूलू कीकर।


म्हारा हँसला रे चालो शिखर गढ़
काया कोटरी में रंग लागो
रंग लागो ज्यारो भो भागो
मारा हँसला रे चालों शिखर गढ़
काया कोटरी में रंग लागो।।


राम नाम का पियो प्याला
पिवत पिवत रंग लागो
सूरत नुरत मिल आई जनाडे
जद काया में पीव जागो
मारा हँसला रे चालों शिखर गढ़
काया कोटरी में रंग लागो।।









ड़ावी इंगला जिमणि पिगला
सुखमन के धोरे लागो
तरबिनी का रंग महल में
अजब धडको अब लागो
मारा हँसला रे चालों शिखर गढ़
काया कोटरी में रंग लागो।।


जरमर जरमर मियो बरसे
गड़गड़ बाबो अंदर गाजे
पार हाथ भव चढ़ग्यो शिखर में
अणगड़ से बातां लागो
मारा हँसला रे चालों शिखर गढ़
काया कोटरी में रंग लागो।।


धरण गगन बीच तपसी तापे
वणी बाबाओं मारो मन लागो
मश्छन्दर प्रताप जति गोरख बोले
भाग पुरबलो अब जागो
मारा हँसला रे चालों शिखर गढ़
काया कोटरी में रंग लागो।।


म्हारा हँसला रे चालों शिखर गढ़
काया कोटरी में रंग लागो
रंग लागो ज्यारो भो भागो
मारा हँसला रे चालों शिखर गढ़
काया कोटरी में रंग लागो।।
गायक प्रेषक चम्पा लाल प्रजापति।
मालासेरी डूँगरी 8947915979










mhara hansla re chalo shikhargadh kaya kotri me rang lago