म्हाने जिण दिन संत मिल जाय वो दिन लेखा में - MadhurBhajans मधुर भजन
म्हाने जिण दिन संत मिल जाय
वो दिन लेखा में
लेखा में भाया गिनती में
म्हाने जिण दिन संत मिल जाये
वो दिन लेखा में।।
हरि माहे संत संता रे माहे हरि है
हरि संत अंतर नाहीं वो दिन लेखा में
लेखा में भाया गिनती में
म्हाने जिण दिन संत मिल जाये
वो दिन लेखा में।।
संता रे चरण कमल रज वंदन
लेवा मैं शीश चढ़ाय वो दिन लेखा में
लेखा में भाया गिनती में
म्हाने जिण दिन संत मिल जाये
वो दिन लेखा में।।
जल माहे कुंभ कुंभ माहे जल है
जल माहे तरंग समाय वो दिन लेखा में
लेखा में भाया गिनती में
म्हाने जिण दिन संत मिल जाये
वो दिन लेखा में।।
कहे रविदास संतों री ऐसी महिमा
कोटि करम कट जाय वो दिन लेखा में
लेखा में भाया गिनती में
म्हाने जिण दिन संत मिल जाये
वो दिन लेखा में।।
म्हाने जिण दिन संत मिल जाय
वो दिन लेखा में
लेखा में भाया गिनती में
म्हाने जिण दिन संत मिल जाये
वो दिन लेखा में।।
स्वर संत श्री अमृतराम जी महाराज।
mhane jin din sant mil jaye vo din lekha me