म्हाने बालाजी री भोत मन में आवे म्हारा साथीड़ा - MadhurBhajans मधुर भजन










म्हाने बालाजी री भोत मन में
आवे म्हारा साथीड़ा
आवे म्हारा साथीड़ा
म्हाने सालासर ले चालो जी
ले चालो म्हानै
सालासर ले चालो जी।।


लाडू भी खाया म्हे तो
पेड़ा भी खाया
म्हारे चूरमा री भोत मन में
आवे म्हारा साथीड़ा
आवे म्हारा साथीड़ा
म्हाने सालासर ले चालो जी
ले चालो म्हानै
सालासर ले चालो जी।।


चंग भी बाजे और
मंजीरा भी बाजे
म्हारे नाचवा री भोत मन में
आवे म्हारा साथीड़ा
आवे म्हारा साथीड़ा
म्हाने सालासर ले चालो जी
ले चालो म्हानै
सालासर ले चालो जी।।


रात ने सोउ तो म्हाने
नींद कोणी आवे
म्हारो मंदरिये में जिव
उड़ उड़ जावे महारा साथीड़ा
जावे म्हारा साथीड़ा
म्हाने सालासर ले चालो जी
ले चालो म्हानै
सालासर ले चालो जी।।









म्हाने बालाजी री भोत मन में
आवे म्हारा साथीड़ा
आवे म्हारा साथीड़ा
म्हाने सालासर ले चालो जी
ले चालो म्हानै
सालासर ले चालो जी।।
भजन गायिका कृष्णा शर्मा।

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