मेरो मन ले गयो नन्द कुमार भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










मेरो मन ले गयो नन्द कुमार
वृंदावन कुंज गलिन में
वृंदावन कुंज गलिन में।।
तर्ज होली खेल रहे नन्दलाल।


जाने कैसे मोहनी डाली
मेरी सुधबुध बिगड़ी सारी
मेरी मैं तो लुट गई बीच बाजार
वृंदावन कुंज गलिन में
मेरो मन ले गयो नंदकुमार
वृंदावन कुंज गलिन में।।


ये नन्द राय को छोना
जाने कैसो डारयो टोना
हेरि मेरो छुटो कुल संसार
वृंदावन कुंज गलिन में
मेरो मन ले गयो नंदकुमार
वृंदावन कुंज गलिन में।।









मैं तो श्याम की भई दीवानी
कर बैठी प्रीत अंजानी
भर गयो मन में प्रेम अपार
वृंदावन कुंज गलिन में
मेरो मन ले गयो नंदकुमार
वृंदावन कुंज गलिन में।।


ऐसो प्रेम को नातो जोड़यो
मोहे पागल करके छोड्यो
जावे चित्र विचित्र बलिहार
वृंदावन कुंज गलिन में
मेरो मन ले गयो नंदकुमार
वृंदावन कुंज गलिन में।।


मेरो मन ले गयो नन्द कुमार
वृंदावन कुंज गलिन में
वृंदावन कुंज गलिन में।।












mero man le gayo nand kumar lyrics