मेरी जिन्दगी में गमो का जहर है शिव भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










मेरी जिन्दगी में
गमो का जहर है
ओ विष पिने वाले
छुपा तू किधर है।।
तर्ज तुम्ही मेरे मंदिर।


ना तुमसा दयालु
कोई और भोले
जो ठुकरा के अमृत को
पिए विष के प्याले
लिया तीनो लोको का
भार अपने सर है
ओ विष पिने वाले
छुपा तू किधर है।।


गरीबों का साथी
ना बनता है कोई
फ़साने भी उनके ना
सुनता है कोई
यहाँ फेर ली अपनों
ने भी नजर है
ओ विष पिने वाले
छुपा तू किधर है।।









बडी आस लेकर के
तुमको पुकारा
कर दो दया मुझपे
हूँ गम का मारा
कहे सोनू होता ना
मुझसे सबर है
ओ विष पिने वाले
छुपा तू किधर है।।


मेरी जिन्दगी में
गमो का जहर है
ओ विष पिने वाले
छुपा तू किधर है।।
स्वर सौरभ मधुकर।










meri zindagi me gamo ka zehar hai lyrics