मेरी सुरता सुहागण नार पिये ने किया भूल गई लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










मेरी सुरता सुहागण नार
पिये ने किया भूल गई।
दोहा निवण बड़ी संसार में
ओर नहीं निवे सो नीच
निवे नदी रो गुदलो
रेव नदी के बीच।
अरे निवे अंबा अमली
ओर निवे दाड़मदाख
इरड बिचारा क्या निवे
जारी ओछी कहीजे जात।
शशि बिना सुनी रेण
ज्ञान बिना हिरदा सुना
गज सुना बीन दांत
नीर बिना सागर सुना
कुल सुना बीन पुत।
पात बिना तरवर सुना
घटा बिना सुनी दामिनी
बेताल कहे सुन विक्रमा।
घर सुनो बिन कामनी
अरे शशि ने तारे रेन
ज्ञान ने हिरदो तारे
गज ने तारे दंत
नीर ने सागर तारे
अरे कुल ने तारे पूत
पात ने तरुवर तारे
घटा ने तारे दामिनी
बेताल के सुण विक्रमा
घर ने तारे कामनी।


मेरी सुरता सुहागण नार
पिये ने किया भूल गई।।


सदा संग रहती पीवरिये मे
पीवरीये रो लोग
पूर्व ली पुण्याई सेती
आय मिलो संजोग
पिये ने किया भुल गई
अरे मेरी सुरता सुहागन नार
पिये ने किया भूल गई।।









पीवरियो मतलब रो घर जी
स्वार्थ को संसार
अरे ना कोई तेरा ना तू किसकी
झूठा करती प्यार
पिये ने किया भुल गई
अरे मेरी सुरता सुहागन नार
पिये ने किया भूल गई।।


गुरु गम गेणो पहर सुहागण
सज सोलह सिंगार
नाय धोय के चलो रे ठाठ से
कद मिल सी भरतार
पिये ने किया भुल गई
अरे मेरी सुरता सुहागन नार
पिये ने किया भूल गई।।


होय आधीण मिलो प्रीतम से
धरो रे चरण में शीश
बारूबालम समरथ तेरो
गुना करलो बख्शीश
पिये ने किया भुल गई
अरे मेरी सुरता सुहागन नार
पिये ने किया भूल गई।।


मेरी सुरता सुहागन नार
पिये ने किया भूल गई।।
गायक शोकत मिर काकडा़।
प्रेषक सुभाष सारस्वा काकड़ा
9024909170










meri surta suhagan naar piye ne kai bhul gayi lyrics