मेरी श्यामा जो वृन्दावन बसा दोगी तो क्या होगा भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
मेरी श्यामा जो वृन्दावन
बसा दोगी तो क्या होगा
मेरे बांके बिहारी से
मिला दोगी तो क्या होगा।।
तर्ज बिहारी घर मेरा ब्रज में।
तड़पती हूँ मैं आहे भर
सहारा कुछ ना दीखता है
भरोसा श्याम चरणों में
लगा दोगी तो क्या होगा
मेरी श्यामा जो वृंदावन
बसा दोगी तो क्या होगा।।
श्री यमुना किनारे पर
बनी कुंजो की कुटिया में
मेरे राधारमण बैठे
दिखा दोगी तो क्या होगा
मेरी श्यामा जो वृंदावन
बसा दोगी तो क्या होगा।।
दीवानी श्याम की बनके
सदा ही रोती रहती हूँ
कभी मुरली की तानों को
सुना दोगी तो क्या होगा
मेरी श्यामा जो वृंदावन
बसा दोगी तो क्या होगा।।
जो देखा रसिको ने वो वन
सदा गुलजार रहता है
वहीँ रस दिव्य वृन्दावन
दिखा दोगी तो क्या होगा
मेरी श्यामा जो वृंदावन
बसा दोगी तो क्या होगा।।
सदा झाड़ू लगाकर के
मैं नाचूंगी और गाउंगी
रंगीली अपनी दासी को
बुला लोगी तो क्या होगा
मेरी श्यामा जो वृंदावन
बसा दोगी तो क्या होगा।।
मेरी श्यामा जो वृन्दावन
बसा दोगी तो क्या होगा
मेरे बांके बिहारी से
मिला दोगी तो क्या होगा।।
स्वर महावीर शर्मा जी।
meri shyama jo vrindavan basa doge to kya hoga lyrics