मेरी मातृभूमी मंदिर है संघगीत लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










मेरी मातृभूमी मंदिर है
श्वेत हिमलय शृंग बना है
शिव का तांडव बल अपना है
भगवाध्वज यश गौरव वाला
लहरता फरफर है।।


वीर शिवा राणा से नायक
सूर और तुलसी से गायक
जिनकी वाणी कालजयी है
जिनका यश चिरस्थिर है।।


स्वाभिमान की बलिवेदी पर
सतियाँ लाख हुयी न्यौछावर
सन्तो ऋषियों मुनियों वाली
भारत भूमि मिहिर है।।









हमको जो ललकार रहा है
अपना काल पुकार रहा है
विश्व जानता है भारत का
अपराजेय रुधिर है।।
मेरी मातृभूमी मंदिर है


9369622682



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meri matrabhumi mandir hai lyrics