मेरी कुलदेवी माँ का दरबार सुहाना है लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










तेरा रूप सुहाना है
श्रृंगार सुहाना है
मेरी कुलदेवी माँ का
दरबार सुहाना है।।


तैरे माथे पर मैया
रंग लाल चुनर सोहे
तेरी रखड़ी और टीका
हम सबका मन मोहे
सिंदूरी बिंदिया का
कायल ये जमाना है
मेरी कुलदेवी मां का
दरबार सुहाना है।।


प्यारी लागे नथनी
तेरे कानो की बाली
तेरी आँखों का कजरा
और होठों की लाली
गल हार ये नौलखा
चेहरा भी नुराना है
मेरी कुलदेवी मां का
दरबार सुहाना है।।


तेरे सोवे बाजु बंद
कंगना भी प्यारे हैं
मेंहदी से रचे माँ के
नख हाथ दुलारे हैं
तन है माँ का सुंदर
मन दया का खजाना है
मेरी कुलदेवी मां का
दरबार सुहाना है।।









तेरे पैरों की पायल
मेरे दिल में खनकती है
तेरी किरपा की बुंदे
दिन रात बरसती है
मैया तेरी रहमत का
सुभाष दीवाना है
मेरी कुलदेवी मां का
दरबार सुहाना है।।


तेरा रूप सुहाना है
श्रृंगार सुहाना है
मेरी कुलदेवी माँ का
दरबार सुहाना है।।
लेखक प्रेषक सुभाष चंद्र पारीक जायल।
9784075304










meri kuldevi maa ka darbar suhana hai lyrics