मेरी कुछ तो श्याम मजबूरी है भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










मेरी कुछ तो श्याम मजबूरी है
दुनिया ने बड़ा सताया हूँ
तेरे दर पर हार के आया हूँ
कुछ भी नहीं पास है अर्पण को
दो आंसू चढ़ाने आया हूँ
मेरी आंखों में ही पढ़ ले श्याम
क्या मुख से कहना जरूरी है
यूं ही तो आंसू आए नहीं
मेरी कुछ तो श्याम मजबूरी हैं।।


मैंने सुना है खाटू में बाबा
दुखियों के कष्ट मिटाता है
उसकी सबसे पहले सुनता
जो पहली बार ही आता है
मैं भी यही सुन कर आया श्याम
फिर मुझसे कैसी दूरी है
यूं ही तो आंसू आए नहीं
मेरी कुछ तो श्याम मजबूरी हैं।।


तुझे क्या बतलाऊं सांवरिया
मेरी लाज पर बने आई है
जो भी तेरे दर आया है
तूने सब की लाज बचाई है
फिर मेरी अर्जी को अब तक
क्यों ना मिली मंजूरी है
यूं ही तो आंसू आए नहीं
मेरी कुछ तो श्याम मजबूरी हैं।।









अगर तुम ना सुनोगे बाबा तो
ये दुनिया बातें बनाएगी
तेरे नाम के ताने दे दे कर
ये मुझको बड़ा सताएगी
और कितना रोए बहादुर की
और कितनी परीक्षा अधूरी है
यूं ही तो आंसू आए नहीं
मेरी कुछ तो श्याम मजबूरी हैं।।


दुनिया ने बड़ा सताया हूँ
तेरे दर पर हार के आया हूँ
कुछ भी नहीं पास है अर्पण को
दो आंसू चढ़ाने आया हूँ
मेरी आंखों में ही पढ़ ले श्याम
क्या मुख से कहना जरूरी है
यूं ही तो आंसू आए नहीं
मेरी कुछ तो श्याम मजबूरी है
मेरी कुछ तो श्याम मजबूरी हैं।।




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meri kuch to shyam majburi hai bhajan lyrics