मेरी जुबां पे श्याम का जो नाम आ गया भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










मेरी जुबां पे श्याम का
जो नाम आ गया।
दोहा काया शुद्ध होत
जब ब्रजरज उड़ अंग लगे
माया शुद्ध होत
कृष्ण नाम पर लुटाए ते।
शुद्ध होत कान
कथा कीर्तन के श्रवण किए
नयन शुद्ध होत
दरश युगल छवि पाए के।
हाथ शुद्ध होत
या ठाकुर की सेवा के
पांव शुद्ध होत
धाम वृंदावन जाए के।
मस्तक शुद्ध होत
या श्रीपति के चरण धरे
रसना शुद्ध होत
श्यामा श्याम गुण गाए के।


मेरी जुबां पे श्याम का
जो नाम आ गया
एक लम्हा जिंदगी का
मेरे काम आ गया
मेरी जुबा पे श्याम का
जो नाम आ गया।।


मुर्शीद ने मुझे आज वह
दौलत है अता की
करोड़ों जन्म के पाप का
अंजाम आ गया
मेरी जुबा पे श्याम का
जो नाम आ गया।।









सतगुरु की दया का यह
करिश्मा तो देखिए
पर्दे में जो छिपा था
लबे बाम आ गया
मेरी जुबा पे श्याम का
जो नाम आ गया।।


गफलत में पढ़ा सोता है
उठ चेत होश कर
क्या देखता है मौत का
पैगाम आ गया
मेरी जुबा पे श्याम का
जो नाम आ गया।।


दुनिया में पार साये
का दम दम भरने वह लगा
जो महकदे से लौट कर
नाकाम आ गया
मेरी जुबा पे श्याम का
जो नाम आ गया।।


रिन्दो को भला और क्या
अब चाहिए युगल
शाकी लिए हुए मैं
गुलफाम आ गया
मेरी जुबा पे श्याम का
जो नाम आ गया।।


मेरी जुबा पे श्याम का
जो नाम आ गया
एक लम्हा जिंदगी का
मेरे काम आ गया
मेरी जुबा पे श्याम का
जो नाम आ गया।।
प्रेषक दयाशंकर शर्मा अजाण।
9529295695










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