मेरी होगी जरूर सुनवाई माँ तेरे सच्चे दरबार में लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
मेरी होगी जरूर सुनवाई
माँ तेरे सच्चे दरबार में
बड़ी आशा से झोली फैलाई
माँ तेरे सच्चे दरबार में।।
इस जग की माँ देखि अजब रीत है
मतलब का यहाँ हर कोई मीत है
आके आवाज मैंने लगाई
माँ तेरे सच्चे दरबार में
बड़ी आशा से झोली फैलाई
माँ तेरे सच्चे दरबार में।।
तेरे दर पे माँ दुखड़े मिटे पल में
आसरा मिलता माता के आँचल में
मुझको उम्मीद दी है दिखाई
माँ तेरे सच्चे दरबार में
बड़ी आशा से झोली फैलाई
माँ तेरे सच्चे दरबार में।।
कुछ भी मुझको नहीं अब है माँ कामना
जब पुकारूँ आ लख्खा का हाथ थामना
ज्योति आके सरल ने जगाई
माँ तेरे सच्चे दरबार में
बड़ी आशा से झोली फैलाई
माँ तेरे सच्चे दरबार में।।
मेरी होगी जरूर सुनवाई
माँ तेरे सच्चे दरबार में
बड़ी आशा से झोली फैलाई
माँ तेरे सच्चे दरबार में।।
meri hogi jarur sunwai lyrics