मेरी बिगड़ी कौन बनाये मेरा संकट कौन मिटाये भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










मेरी बिगड़ी कौन बनाये
मेरा संकट कौन मिटाये
तेरे सिवा ना कोई दूजा
जाऊं मैं किसके द्वारे
मेरी बिगड़ी कौन बनाए
मेरा संकट कौन मिटाए।।


मांगने लायक करम किये ना
फिर भी मैं आया सवाली
मेरे कारण कोई कहे ना
आया हैं दर से तेरे खाली
मेरे पाप गिनो ना बाबा
सत्य राह चला दे
मेरी बिगड़ी कौन बनाए
मेरा संकट कौन मिटाए।।


द्वार तेरा हैं आली बाबा
तू हारे का हैं साथी
नजरो का ही सब खेला हैं
नजर ही खेल रचाती
एक नजर पड़ जाये जो तेरी
अँधियारा छट जाए
मेरी बिगड़ी कौन बनाए
मेरा संकट कौन मिटाए।।


काली घटायें उमड़ उमड़ कर
जितना जोर दिखाए
तुम आओगे मेरे खातिर
मन ना चित हो जाए
ये विश्वास कदा आवोगा बाबा
टूट कही ना जाए
मेरी बिगड़ी कौन बनाए
मेरा संकट कौन मिटाए।।









मेरी बिगड़ी कौन बनाये
मेरा संकट कौन मिटाये
तेरे सिवा ना कोई दूजा
जाऊं मैं किसके द्वारे
मेरी बिगड़ी कौन बनाए
मेरा संकट कौन मिटाए।।













meri bigdi kaun banaye mera sankat kaun mitaye lyrics